Proning वह प्रकिया हैं जिसमें व्यक्ति को पेट के बल लिटाया जाता हैं! फिर गर्दन के नीचे एक तकिया, पेट के नीचे 1-2 तकिये, 1 तकिया पैरों के नीचे लगाया जाता हैं! जिससे oxygen level maintain रहता हैं!

यदि आपका oxygen level 94 से कम हो तो 30 मिनट से 2 घंटे तक की proning 80% तक फायदेमंद हो सकती हैं! MoHFW india ने तथा राजस्थान राज्य सरकार ने भी आदेश जारी कर proning करने का तरीका बताया!
Proning कैसें करें?
- प्रोनिंग के लिए आपके पास 4-5 ताकियों की आवश्यकता होती हैं।
- सबसे पहले बिस्तर पर पेट के बल लेट जाए।
- फिर एक तकिया गर्दन के नीचे सामने से रखें।
- फिर एक या दो तकिया गर्दन, छाती और पेट के नीचे बराबर में रखें बाकी के 2 तकिये को पैर के पंजों के नीचे दबा कर सकते हैं।
- ध्यान रखें इस दौरान गहरी और लंबी सांस लेते रहना हैं।
- 30 मिनट से लेकर करीब 2 घंटे तक इस स्थिति में रहने से मरीज को तुरंत आराम मिलता हैं लेकिंन 30 मिनट से 2 घंटों के बीच मरीज की position बदलना जरूरी हैं।
- इस दौरान मरीज को दाएं और बाएं करवट लिटा सकते हैं।
Proning कब नहीं करें?
- खाने के तुरंत बाद प्रोनिंग नहीं करें।
- 16 घंटे तक रोजाना कई चक्र में कर सकते हैं ,इससे बहुत आराम मिलेगा।
- इस प्रक्रिया को करते समय घावों व चोटों का ध्यान रखे।
- दबाव क्षेत्रों को बदलने व आराम देने के लिए तकिये adjust करें।
- गर्भावस्था में महिला को प्रोनिंग करने से बचना चाहिए।
- गंभीर कार्डियक स्थिति या स्पाइनल problem में प्रोनिंग से बचें।
- भोजन करने के तुरंत बाद प्रोनिंग ना करें।
- प्रोनिंग के लिए youtube पर search करें या निम्न video की सहायता ले सकते हैं ⬇️
सारांश
इस post में हमनें जाना कि proning किस प्रकार की जाती हैं! यह प्रकिया coronavirus positive लोगों को करने की सलाह दी जाती हैं, जो home isolation में हैं, या जिनको साँस की हल्की तकलीफ हो रहीं हो! अगर आपको अधिक तकलीफ हैं तो जरूर डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए! यह post केवल आपको प्रोनिंग के बारें में जानकारी देने के लिए बनाई हैं!
MoHFW india के अनुसार pregnancy में proning को avoid करना चाहिए।