WWW

www (वर्ल्ड वाईड वेब) क्या होता हैं? यह कैसें काम करता हैं?

दोस्तों! आपने www तो देखा ही होगा। आपके दिमाग में यह सवाल तो आया ही होगा कि www अर्थ क्या होता है?ईसका फुल फॉर्म क्या होता है? खैर फुल फॉर्म तो आप जानते ही होंगें।

आज हम इस पोस्ट में WWW के बारे में चर्चा करेंगे। WWW से सम्बंधित सभी चीजें जानने की कोशिश करेंगे।

चलिए शुरू करते हैं।

वर्ल्ड वाइड वेब क्या हैं?

WWW “वर्ल्ड वाइड वेब” या “वेब” के नाम से भी जाना जाता है। इंटरनेट पर जानकारी वितरित करने या इंटरनेट से जानकारी प्राप्त करने का यह सर्वाधिक प्रचलित साधन है।

वर्ल्ड वाइड वेब के अंतर्गत पाठ्य सामग्री ग्राफ, तस्वीरें,संगीत, फिल्म आदि कई सारे आते हैं। जिनको की उपभोग करता आसानी से देख पाता है। इंटरनेट की प्रसिद्धि व इसकी उपयोगिता का अनुमान इस तथ्य से लगाया जा सकता है कि विश्व में सभी बड़ी कंपनियां, संस्थाएं, पत्र-पत्रिकाएं ने अपनी-अपनी वेबसाइट बना रखी है और उसी के माध्यम से वे संचालित होती है।

वेबसाइट वर्ल्ड वाइड वेब सुविधा उपलब्ध कराने वाले वे कंप्यूटर है।

जिन पर कंटेंट को इकट्ठा किया जाता है और वहीं से पूरे संसार में वह कंटेंट कहीं भी देखा जा सकता है या डाउनलोड किया जा सकता है।

Homepage क्या होता हैं?

वर्ल्ड वाइड वेब पर उपलब्ध किसी भी संस्था की जानकारी , उस संस्था की वेबसाइट का प्रथम पृष्ठ होमपेज कहलाता है। इस होमपेज या किसी भी पेज के इंटरनेट पते को यूआरएल के नाम से जाना जाता हैं।

होम पेज हाइपरटेक्स्ट या हाईपर मीडिया तकनीकी आधार पर बनाया जाता है अर्थात स्क्रीन पर उपलब्ध पाठ्य शब्द माउस से क्लिक कर उस पर कर्सर लाकर इंटर दबाया जाता है। इसमें पाठ्य विशेष से लिंक किया गया पाठ्य सामग्री स्क्रीन पर उपलब्ध हो जाती है।

यदि किसी वर्ल्ड वाइड वेब के पते के पहले एचटीटीपी हाइपर टेक्स्ट ट्रांसफर प्रोटोकोल लगा हो तो इसका तात्पर्य होता है कि होम पेज का निर्माण एचटीएमएल द्वारा किया गया है।

यू आर एल क्या होता हैं?

यूआरएल का फुल फॉर्म यूनिवर्सल रिसोर्स लोकेटर होता हैं। यह वर्ल्ड वाइड वेब में निर्मित किया गया हैं। URL के बारें में अधिक जानकारी के लिए यहाँ क्लिक करें।

WWW कैसें काम करता हैं?

वर्ल्ड वाइड वेब के अंतर्गत एक फाइल के अनेक भागों को या अन्य फाइलों को अलग-अलग कंप्यूटर्स आपस में लिंक कर वेबपेज का निर्माण करते हैं। जब भी कोई इंटरनेट यूजर्स किसी साइट का चयन कर उसे क्लिक करता है। तब world-wide-web उसको वांछित server से जोड़कर उस साइट विशेष के होम पेज पर ले जाता है। नियंत्रण फिर से लोकल इंटरनेट उपभोगकर्ता को प्रदान किया जाता है। जैसे ही वांछित सामग्री server से उसे चाहने वाले इंटरनेट उपयोगकर्ता के पास आ जाती है वैसे ही उपभोक्ता के सर्वर एवं उस सर्वर के मध्य का लिंक अस्थाई रूप से टूट जाता है।

वांछित सामग्री विशेष को स्क्रीन पर देखते समय लिंक जुड़ा नहीं रहता है।

लेकिन जैसे ही अतिरिक्त जानकारी चाही जाती है फिर से लिंक उस सर्वर से जोड़ा जाता है।

अतिरिक्त जानकारी उस उपयोगकर्ता के server पर उपलब्ध करा दी जाती है।

कोई भी इंटरनेट उपभोगकर्ता दुनिया भर में फैले हजारों servers में से किसी servers लिंक स्थापित कर सकता हैं ।

वहां से चाही गई कोई भी जानकारी प्राप्त कर सकता है।

Operating system

प्रत्येक इंटरनेट उपभोक्ता को server से हर प्रकार की सूचना प्राप्त नहीं कर सकता।

इसके लिए उसके पास पर्याप्त क्षमता वाला कंप्यूटर हार्डवेयर होना चाहिए।

जानकारी प्राप्त करने के लिए प्रयुक्त होने वाला सोफ्ट्वेयर ( web browser) होना चाहिए।

उदाहरण के लिए

  1. यदि उपभोक्ता के पास यूनिक्स ऑपरेटिंग सिस्टम वाला कंप्यूटर एवं लिनक्स वेब ब्राउजर सॉफ्टवेयर है।
  2. तब वह सर्वर से केवल पाठ्य सामग्री ही प्राप्त कर सकता है।
  3. बिना मल्टीमीडिया किट के इंटरनेट आधारित पर्सनल कंप्यूटर एवम् वेब सॉफ्टवेयर ( explorer या Netscape) उपलब्ध हो
  4. तब पाठ्य एवं तस्वीरें अधिक उपयोगकर्ता सर्वर पर प्राप्त कर सकता है।
  5. यदि विंडो आधारित पर्सनल कंप्यूटर पूरे मल्टीमीडिया किट एवं वेब ब्राउजर सॉफ्टवेयर के साथ होता है।
  6. तो उपभोक्ता पाठ्य सामग्री, तस्वीरें, संगीत को सर्वर से प्राप्त कर सकता है।

सारांश

आशा करता हूं कि आपको www के बारे में समझ में आ गया होगा। यह भी समझ में आ गया होगा कि यह कैसे काम करता है।

फिर भी आपका कोई सवाल हो तो बेझिझक कमेंट बॉक्स में कमेंट करें।

हमारी टीम आपके हर सवाल का जवाब देने के लिए हमेशा तैयार हैं

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